अकस = अक्स, प्रतिबिंब, परछाई। श्रीप्राणनाथजीने अखंड मुक्तिअस्थलके सुखों को परमधामके सुखों के प्रतिबिंब समान माना है। Akas = Aks, reflection, shadow. Shri Prannathji has considered the pleasures of the eternal place of liberation (Muktisthal)[…]
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