अक्षरातीत = अक्षर से अलग, परब्रह्म, पुरुषोत्तम, उत्तमपुरुष परमसत्य । उनही को श्रीराजजी और श्री कृष्णजी कहा है । वे सच्चिदानन्द स्वरूप हैं । उनके सद-अंश से अक्षर, चिद अंश से वे खुद तथा आनंद[…]
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अक्षरातीत = अक्षर से अलग, परब्रह्म, पुरुषोत्तम, उत्तमपुरुष परमसत्य । उनही को श्रीराजजी और श्री कृष्णजी कहा है । वे सच्चिदानन्द स्वरूप हैं । उनके सद-अंश से अक्षर, चिद अंश से वे खुद तथा आनंद[…]